Celebrate Diwali with Ayurveda

Celebrate Diwali with Ayurveda

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दिवाली, रोशनी का त्यौहार है, दिवाली निसंदेह भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है ,जब घरो, कार्यलयो , स्नस्थाओ, सड़को और पुरे महोल्लो को रोशनी, मोमबत्तियों और दियो से सजाया जाता है, यदि आप ग्रामीण भारत की और बढ़ते है तो आपको मट्टी के दियो से सजे हुए घर मिलेंगे। यह त्यौहार दोस्तों और परिवार की संगती में, पारम्परिक पोशाक में सजाने और श्याम के लिए तैयार स्वादिस्ट  वयंजनो का स्वाद चखने का समय है, रंगीन आतिशबाजी जो आकाश को चकचोँद  कर देती है और इसे हूऱो के प्रदर्शन में बदल देती है। लेकिन , इसके साथ पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा की भी बड़ी जिमेदारी बनती है। हम सभी जानते है कि दिवाली पर आग और पटाखे से निपटने के दौरान सावधानियां बरतनी चाहिए, लेकिन हमारे फेफड़ो को धुएं और धुएं से होने वाले नुकसान का भी ध्यान रखना चाहिए। 
आयुर्वेद विशेषज्ञ, डॉ धरम चिकारा  (ऍम。डी。) ने कुछ आयुर्वेदिक शंखनाद के व्यंजनो को साझा किया है कि हम इस दिवाली को धुएं और धुएं के दुष्प्रभावो से बचने के लिए किस तरहे तैयार कर सकते है। 

१. गाजर और चकुंदर का रस 

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गाजर सबसे अधिक उपचार वाले खाद पदार्थो में से एक है. जो पोषक तत्वों की  उच्तम गुणवत्ता प्रदान करता है, खासकर जब इसे रस के रूप में लिया जाता है। यही विटामिन ए , सी , डी , इ , के ,बी १ और बी ६ का उत्कृस्ट स्त्रोत है। गाजर में मौजूद  फाइटोन्यूट्रिएंट और एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे फेफड़ो को संक्रमण फ्री-रेडिकल हमलो से प्रभावी रूप से बचाता है।  इसके अलावा गाजर का रस कान, नाक,और गले से म्यूकस को हटाने में मदद करता है, नाक की भीड़ को काम करता है जो प्रदूषण और हवा में धुएं की अधिकता के कारण होती है। जबकि चकुंदर बेचैनी और जलन का इलाज करने में मदद करता है। 

आपको बस इतना करना है की ताजा गाजर और चकुंदर ले और इनका रस निकाल ले। इसमें काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाएं। 


२. अदरक और शहद का पेस्ट 

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अदरक के विरोधी भड़काऊ गुण हमारे फेफड़ो को स्वाभाविक रूप से साफ़ करने में मदद करेगा। यह विषहरण में भी मदद करता है, और फेफड़ो से परदुषको  के  उन्मूलन को बढ़ावा  देता है। इसमें एंटी-इफ्लामैंट्री, एंटीबैक्टीरिअल और एंटी-फंगल गुण होते है। 

2 टीस्पून अदरक का रस ले और इसमें 1 टीस्पून शहद मिलाएँ। इसमें काली मिर्च मिलाएं। इसे अच्छे से मिलाएँ। फेफड़ो से सम्बंधित सभी समश्याओं  से लड़ने के लिए नियमित रूप से इस पास्ट का सेवन करे। यही उन लोगो के लिए भी  अच्छा है जो अस्थमा से पीड़ित है। 


३. हल्दी वाला दूध 

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यह घरेलु उपचार सबसे प्रशिद्ध उपचारो में  से एक है। हल्दी मैं सूजन-रोधी गुण होते है, इसमें करक्यूमिन योगिक मौजूद होता है। यह योगिक वायुमार्ग की सूजन और अस्थमा से जुडी छाती की जकड़न से राहत दिलाने में मदद करता है। 

एक कप दूध ले और इसे काम प्रसिद्धि पर गर्म करें। अब इसमें आधा टीस्पून हल्दी पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएँ। अब आपके पाद पीले-सुनहरे रंग का दूध होगा। फेफड़ो से सम्बंधित किसी भी समस्या से लड़ने के लिए हर दिन इसे पीएं। 

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