अहिफेन (Papaver somnifrum)
कुल-अहिफेन-कुल ( पापावरेसी-Papaveraceae. )
नाम-ले० पापावर सॉंम्निफेरम ( Papaver somnifrum Linn. )
पर्याय - सं-आफूक, अहिफेन, हि०- अफीम) क०-आफीन, बं०-आफिम, अं०- ओपियम (Opium ).
स्वरूप-
इसका वर्षायु क्षुप ३-४ फीट ऊँचा होता है, इसे 'पोश्ता कहते हैं । इसका काण्ड-क्षोदयुक्त, सरल, प्रायः निःशाख और स्निग्ध होता है । पत्र- लट्वाकार-आयताकार या रेखाकार- आयताकार होते हैं । पत्र का प्रान्तभाग खण्डित होता है । पुष्प-बड़े, श्वेत, वैंगनी या रक्तवर्ण होते हैं । फल-छोटे अनार के समान, १ इच व्यास के, सवृन्त, विषमकोषीय तथा स्वतःस्फोटी होते हैं । इसे 'डोडा कहते हैं । फल के छिलके को 'पोश्त' कहते हैं । बीज-श्वेत या कृष्ण मधुर-स्निग्ध होते हैं । ये 'पोश्तदाना ' या 'खशखश' कहलाते हैं ।
कच्चे फल के चारों ओर सायंकाल गहरे चीरे लगा कर छोड़ देते हैं और उनसे जो दूध के समान निय्यास निकल कर जम जाता है उसे प्रातःकाल उन पर से खुर कर सुखा लेते हैं । यही निर्यास 'अफीम' कहलाता है ।जाति-निघण्टुओं में पुष्पभेद से श्वेत, पीत, कृष्ण और चित्र तथा कर्मानुसार क्रमशः जारण, मारण, धारण और सारण इन चार जातियों का उल्लेख मिलता है । आधुनिक विद्वानों ने देशभेद से तुर्की, यूरोपीय, फारसी और भारतीय ये चार जातियाँ मानीं हैं।
अरबी विद्वान् पुष्पभेद से इसकी तीन जातिर्याँ मानते हैं
(१) खशखश सफेद-इसका पुष्प पीताभ श्वेत होता है ।
(२) खशखश मन्सूर- इसके पुष्प रक्तवर्णं होते हैं ।
(३) खशखश स्याह-इसके पुष्प कृष्ण या नील वर्ण के होते हैं ।
खशखश सफैद के बीज श्वेतवर्ण तथा खशखश मन्सूर और स्याह के बीज कृष्ण- वर्ण होते हैं ।
उत्पत्तिस्थान-
अहिफेन उत्तरी समशीतोष्ण क टिबन्ध के देशों-यूरोप, एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका में होता है । भारत में विशेषतः उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और मालवा में इसकी उपज की जातो है ।रासायनिक संघटन-
बीजों में एक मीठा, स्थिर, पीताभ और निर्गन्ध हैक होता है। अफीम में कार्ब निक अम्ल, अनेक क्षाराभ तथा कुछ अन्य पदार्थ होते हैं । अफीम का रासायनिक संघटन इस प्रकार है।-माॉर्फीन ( Morphine ) ५-२१%
कोडीन ( Codeine ) ०३ ४%
जीबेन ( Thebaine ) ० ३%
ना्कोटीन ( Narcotine ) २-७%
नार्सीन ( Narceine )
पापावरीन ( Papaverine )
सिउडोमार्फीन (Pseudomorphine )
लेन्थोपीन (Lanthopine )
क्रिप्टोपीन ( Cryptopine ).
प्रोटोपीन ( Protopine )
हाइड्रोकेटानिन ( Hydrocatarnine )
एषोमाकन ( Apomorphine )
लॉडेनिन (Laudanine )
लॉडेनोसिन (Laudanosine)
मेकोनिडिन ( Mcconidine)
रियेडिन ( Rhoeadine)
कोडेमिन ( Codamine)
नॉस्कोपिन ( Nascopine)
जैन्थेलिन (Xa.ithaline)
थिवेमीन ( Thebamine )
पॉफिराक्सिन (Porphyroxine)
एपोकोडीन ( Apocodeine )
डेसोक्सीकोडीन ( Desoxycodeine )
केटानिन (Catarnine )
रियेडेनिन ( Rhoeadenine)
मेकोनिन ( Meconin )
ऑपिओनिन ( Opionin )
मेकोनॉय डिन ( Meconoidia )
मार्फीन में वेदनास्थापन तथा नाकोंटीन में विषमज्वरध्न कर्म अधिक है । भारतीय अफीम में विषमज्वरघ्न शक्ति तथा तुर्की अफीम में बेदनास्थापन शक्ति अधिक देखी जाती है ।
गुण-
गुण-लघु, रूक्ष, सूक्ष्म, व्यवायी, विकासीविपाक-कटु
रस-तिक्त, कवाय
वीर्य-उष्ण
प्रभाव-मादक
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