Cedrus Deodara(देवदारु) Plant

देवदारु (Deodara)

Latin name - Cedrus Deodara
Family- Pinaceae

देवदारु - देवताओं के प्रदेश अर्थात हिमालय में होने वाले लकड़ी। संस्कृत में इसे देवदारु कहते है और हिंदी में देवदार कहते है।
cedrus-deodara-plant-devdaru

स्वरूप - 

देवदारु का पेड़ २५० फ़ीट ऊंचा होता है। शाखाये नीस की और झुकी हुई होती है और ऊपर शाखाये छोटी होते जाती है जिससे वह नोकीला दिखाई देता है। देवदारु की छल मोती वे दरारों से युक्त होती है। 
देवदारु के पत्ते हरे रंग वाले तथा लम्बे वे नोकीले होते है जो की लगभग ३-५ वर्ष तक रहते है। देवदारु के फल अक्टूबर के महीने में निकलते है और एक वर्ष के बाद पकते है। 
देवदारु का वृक्ष ६०० वर्ष तक जीवित रहता है। 

उत्पत्तिस्थान -

 हिमालय प्रदेश में पाए जाते है 
६५००-१२०००  फ़ीट तक के ऊंचाई तक पाया जाता है। 

रासायनिक संगठन (Chemical Composition)-

देवदारु की लकड़ी से एक रक्ताभ भूरे रंग का गंधयुक्त तेल निकलता है। 
जिसमे सेसक्विटेरपेने (Sesquiterpene) होता है। 

गुण -

देवदारु में पाए जाने वाले गुण 
गुण -लघु , स्निग्ध 
रास -तिक्त 
विपाक -कटु 
वीर्य -ऊष्ण 

प्रयोज्य अंग -

देवदारु का कण्डसार और तैल प्रयोज्य होता है। 

मात्रा -

देवदारु के चूरन वे तेल को प्रयोग करने की मात्रा 
तेल -२०-४० बून्द 
चूर्ण - ३-६  ग्रा ०
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कर्म -

अपने तिक्त तथा स्निग्ध वे ऊष्ण गुणों से  यह कफ तथा वात दोषो को शांत करता है।
इसका बाहरी लैप लगाने से शोथ अर्थात दर्द ठीक हो जाता है।
तथा यह एंटीसेप्टिक और एन्टीबैक्टेरिअल गुणों से युक्त होता है जो बाहरी चोट तथा सूजन  के लिए बहुत लाभकारी होता है।
वात दोष को शांत करने के कारण यह वेदनास्थापन भी है।
तिक्त होने से देवदारु दीपन व पाचन में भी शहयाक होता है जिससे हमारे digestive सिस्टरम के रोगो को शांत करता है और हमारी  पाचन शक्ति को बढ़ता है। तथा पाचनसंस्थान सही ढंग दे काम करता है।
तिक्त होने से यह हमारे ब्लड फ्लो को बढ़ता है और ह्रदय उत्तेजन करता है।
इसके प्रयोग से urine disease नष्ट हो जाती है देवदारु मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत अधिक लाभकर है यह  इंसुलिन को st emulate  करके ब्लड शुगर को काम करने में सहायक होता है, जीर्ण ज्वर (fever) में  इसका प्रयोग अधिक होता है ,देवदारु अनेक चर्म रोगो में लाभकर होता है।

विषिश्ट योग -

देवदरवादी क्वाथ
देवदरवादी चूर्ण

देवदारु की छाल में बहुत तरह के सप्लीमेंट होते है जिससे यह बहुत ही अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी माना जाता है। इस से कई तरह की बीमारिया और संक्रमण दूर हो जाते है। मधुमेह के रोगियों को इस्ला इस्तेमाल करना चाहिए यह शुगर के लेवल को नियंत्रण में लाने में साहयता करता है। जिस रोगी को ठीक से सुनाये नही देता या कर्ण इन्द्री काम नही करती उन्हें देवदारु का उपयोग करना चाहिए इससे उनके सुनने के शक्ति बढ़ती है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या जिन्हे संक्रमण हो जाता है ऐसे में देवदारु की सहायता से जिसमे एंटीऑक्सीडेंट है यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर संक्रमण को दूर करता है। 


According to modern-

Deudaru also called Himalayan cedar, and is popular known as the "Wood of God".
Devdaru help to relieve cough, beneficial in managing asthma,
devdaru might be good for diabetes as it  help to manage blood sugar level by stimulating insuline secretion.

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